♥️ ब्रह्मचर्य औषधि समाधान भाग 5003♥️
♥️♥️♥️शराब पीने की इच्छा
♥️सल्फ्यूरिक एसिड Q –
डॉ० फैरिंगटन के मतानुसार इस औषध के मूल-अर्क की दो-तीन बूंदें आधा गिलास पानी में डालकर, उसे दो-तीन घण्टे के अन्तर से, चाय के एक छोटे चम्मच की मात्रा में, तब तक पीने को देते रहना चाहिए, जब तक कि मन में शराब के प्रति अरुचि उत्पन्न न हो जाय । इस औषध के प्रयोग से मुँह में छाले पड़ सकते हैं तथा दस्त आने की शिकायत भी हो सकती है। दस्त आने पर ‘पल्सेटिला 30’ देने से दस्त बन्द हो जाते हैं। छाले हो जाने पर जब तक वह दूर न हो जायें, तब तक के लिए इसे देना बन्द कर देना चाहिए तथा आवश्यकतानुसार प्रयोग से शराब पीने की उत्कट इच्छा नष्ट हो जाती है ।
♥️क्युएरकस-ग्लैण्ड Q, 3x –
डॉ० क्लार्क के मतानुसार इस औषध के मूल अर्क Q की दस बूंदें, एक छोटे चाय के चम्मच भर गरम पानी में डालकर दिन में तीन-चार बार लेते रहने से शराब के प्रति अरुचि उत्पन्न हो जाती है । इस औषध के सेवन से प्राय: दस्त आने लगते हैं, परन्तु उनसे घबराना नहीं चाहिए तथा कई महीनों तक इसी औषध का सेवन करते रहना चाहिए ।
♥️सल्फर 3, 30, 200 –
यह औषध भी शराब के प्रति अरुचि उत्पन्न करने वाली है । प्रात:-सायं शराब पीने की इच्छा बनी रहने पर इसका प्रयोग करना चाहिए।
♥️फास्फोरस 30 –
शराब पीने की इच्छा के कारण पेट में रहने वाली असाधारण बेचैनी को यह औषध शान्त कर देती है ।
♥️प्लम्बम 3, 200 –
किसी रोग से ग्रस्त रहने पर शराब पीने की उत्कट इच्छा का बने रहना और रोग के हट जाने पर मद्यपान की इच्छा का भी शान्त हो जाना-ऐसे लक्षणों में इसका प्रयोग करें ।
♥️चायना Q, ऐवेना Q अथवा स्ट्रोफैन्थस Q –
शराब पीने वाले के द्वारा शराब छोड़ देने के बाद फिर कभी अचानक ही मन में शराब पीने की तीव्र इच्छा उत्पन्न हो तो उसे दबाने के लिए इनमें से किसी भी एक औषध को दिन में तीन बार प्रति मात्रा पाँच बूंद के हिसाब से देना हितकर रहता है। इसके बाद नक्स-वोमिका 1x, 3 अथवा सल्फर देना उचित रहता है ।
संजीत कुमार चौधरी.....